जामनगर में जिला प्रशासन के साथ समान नागरिक संहिता समिति की बैठक हुई।
समिति ने शहरवासियों, प्रबुद्ध नागरिकों, विभिन्न क्षेत्रों और धर्मों के नेताओं से विवाह, तलाक, भरण-पोषण और लिव-इन संबंधों के संबंध में राय मांगी।
गुजरात सरकार ने गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने की आवश्यकता का आकलन करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता समिति का गठन किया है। इसके सदस्य दक्षेश ठाकर (पूर्व कुलपति) और सामाजिक कार्यकर्ता गीताबेन श्रॉफ ने जामनगर के कलेक्ट्रेट में एक बैठक की और समान नागरिक संहिता का गहन मूल्यांकन किया।
बैठक में समिति ने सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों, शहर के प्रबुद्ध नागरिकों, विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं आदि से विवाह, तलाक, भरण-पोषण एवं लिव-इन रिलेशनशिप पर राय मांगी। इस संबंध में बैठक में उपस्थित नगरवासियों ने अपने-अपने विचार एवं सुझाव समिति के समक्ष प्रस्तुत किए।
इस महत्वपूर्ण विषय को प्रभावित करने वाले प्रासंगिक मुद्दों का आकलन करने के लिए, समिति ने गुजरात के निवासियों और सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक समूहों और समुदायों, धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों आदि से अपील की कि वे अपने विचार, सुझाव और अभ्यावेदन 15 अप्रैल-2025 तक वेब पोर्टल (https://uccgujarat.in) या नागरिक संहिता समिति, कार्यालय, कर्मयोगी भवन, ब्लॉक नंबर 1, सेक्शन-ए, 6वीं मंजिल, सेक्टर 10ए, गांधीनगर, गुजरात - 382010 पर भेजें।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर केतन ठक्कर, जिला विकास अधिकारी विकल्प भारद्वाज, स्थायी समिति अध्यक्ष नीलेश कगथरा, अतिरिक्त कलेक्टर बी.एन. खेर, पूर्व मंत्री श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी, प्रांतीय पदाधिकारी ग्रामीण एवं शहरी के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा विभिन्न संघों के अध्यक्ष उपस्थित थे।


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