फर्जी जाति बताकर ले रहा आरक्षण का लाभ, सरकारी पद पर कार्यरत, उठी जांच व कार्रवाई की मांग।
सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के शाहपुर गांव के रामानन्द पोद्दार फुलकुमार पोद्दार व अन्य पोद्दार ने एक गंभीर आरोप लगाया गया है। रामानंद पोद्दार ने आयुक्त कोसी प्रमंडल सहरसा सहित कई जगहों पर आवेदन देकर आरोप लगाया है कि एक ही परिवार के पांच लोगों ने मूलजाति छुपाकर सरकारी नौकरी हासिल की है। वहीं आवेदन कर्ता और अन्य पोद्दार जाती के लोंगो का यह भी कहना है कि ये लोग जब अपना जाती छिपाकर सरकारी नौकरी करेंगे तो आरक्षण वाले लोगों को नौकरी कैसे मिलेगा कहीं ना कहीं आरक्षण वर्ग के लोंगो के साथ-साथ सरकारी पद का भी गलत इस्तेमाल किया है इस पर गंभीरता से जांच करे और फ़र्जी तरीके से अपना मूल जाती छिपाकर सरकारी पद पर कार्य कर रहे कर्मी को जल्दी बर्खास्त करे और आवेदन कर्ता ने यह भी कहा कि हमलोग पोद्दार जाती से आते हैं जो कि बिहार में जाती कटेगरी के bc2 में आता है जो कि समान्य वर्ग है लेकिन ये लोग फ़र्जी तरीके से bc1 का मूल जाती प्रमाणपत्र बना के आरक्षण का लाभ उठा कर सरकारी पद पर कार्यरत हैं इसी के विरुद्ध हमलोग ने बिहार के लगभग सभी विभागों में आवेदन देकर उचित जाँच की मांग करते हुए ऐसे लोगों के ऊपर कठिन कारवाई हो हालाँकि इस मामले में कोसी प्रमंडल आयुक्त ने जिला पुलिस अधीक्षक लेटर भी जारी किया है जिसका पत्रांक 447/25 है
आरोपित लोगों में उदय पोद्दार, मनीष पोद्दार, अर्जुन पोद्दार, ममता देवी और काजल देवी शामिल हैं। इनमें से कुछ लोग सुपौल, प्रतापगंज प्रखंड किशनपुर प्रखंड और पश्चिमी चंपारण जिले में सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं।
आयुक्त के सचिव ने इस मामले की जांच के लिए सुपौल के आरक्षी अधीक्षक को पत्र लिखा है। आयुक्त के सचिव ने कहा है कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।
हालांकि, आरोपित लोगों ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उदय पोद्दार और अर्जुन पोद्दार ने कहा है कि यह आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।


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