सुपौल में अंतिम जुमा यानी अलविदा के नमाज के दौरान धर्मावलंबियों द्वारा अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध किया गया
मुसलमान की सर्वोच्च धार्मिक संस्था इमारते शरिया (बिहार, झारखंड,उड़ीसा)फुलवारी शरीफ, पटना समेत 11 अन्य मुस्लिम संगठनों की अपील का असर आज सुपौल में भी देखने को मिला जब रमजान अंतिम जुमा यानी अलविदा के नमाज के दौरान धर्मावलंबियों द्वारा अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध किया गया।
आज शहर के जामा मस्जिद, नूरानी मस्जिद, मदनी मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में मुसलमानों द्वारा अपनी बाहों पर काला पट्टी बांधकर अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई तथा नारे लगाकर वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग की गई।
उक्त अवसर पर जमा मस्जिद सुपौल के इमाम मुफ्ती अकबर काशमी ने बताया कि पूरे भारत में वक्फ की जितनी भी संपत्ति है वह मुसलमान द्वारा स्वयं दान की गई है तथा उनकी देखने की जिम्मेदारी उन पर ही है, परंतु सरकार नया वक्फ संशोधन बिल लाकर उन निजी संपत्तियों का अपने तरीके से गलत इस्तेमाल करना चाहती है जिसका मुस्लिम समाज के लोग विरोध कर रहे हैं।
इस मौके पर पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मिन्नत रहमानी, मो. जमालउद्दीन, दानिश वकार, वार्ड पार्षद जावेद अख्तर, सादिक अली, सद्दाम हुसैन उर्फ छोटू, अब्दुल कलाम आजाद, मो. मुस्लिम आलम, मोहम्मद मुन्ना, परवेज आलम, मो. इश्तियाक आलम, साकिब इकबाल, सोनू आजाद, मो. सलाम, मो. जियाउद्दीन समेत सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थे।


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