255वीं वर्षगांठ मना रहे पूर्णिया में क्या-क्या बदला, जानें।
सन 1770 बिहार और उड़ीसा तब बंगाल का हिस्सा हुआ करता था और इन राज्यों पर इलाहाबाद संधि के आधार पर अंग्रेजी शासन को संवैधानिक और राजनीतिक अधिकार मिलते ही इन क्षेत्रों पर अंग्रेजी हुकूमत को सैन्य दृष्टि से मजबूती देने को लेकर एक जिले की स्थापना की जरूरत महसूस होने लगी । जिसके परिणाम स्वरूप पूर्णियां को अंग्रेजी शासन अधीन 1770 में पहला जिला बनाया गया। आज पूर्णिया ने अपनी स्थापना के 256 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं।
वर्तमान में पूर्णियां जिला राज्य ओर देश के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश को ड्रैगन फ्रूट , मक्का और मखाना का सबसे अच्छे गुणवत्ता के खाद्य पदार्थ प्रदान करता है। वहीं आज यह जिला विकाश के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा हे जिसमें मेडिकल का क्षेत्र हो, या इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल और विभिन्न प्रकार के शिक्षा और औद्योगिक विकास हो सभी में यहां उल्लेखनीय विकाश किये है। आइए जानते हैं यहां के कुछ पहलुओं को–
शिक्षा का हब और औद्योगिक विकास:
पूर्णिया आज कोसी और सीमांचल क्षेत्र में शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। इसे "रिंच और सिरिंच" के तौर पर जाना जाता है, जो यहां के बढ़ते औद्योगिक विकास का प्रतीक है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी इस जिले ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
विकास की नई उड़ान:
पूर्णिया ने विकास की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए आज एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। ऑटोमोबाइल से लेकर बड़े ब्रांडों के शॉपिंग मॉल तक, यहां आधुनिकता की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। जल्द ही यहाँ एयरपोर्ट से हवाई यात्रा भी शुरू होने जा रही है, जिससे देश-विदेश से कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी।
मिनी दार्जलिंग के रूप में पहचान:
अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जलवायु के कारण, पूर्णिया को "मिनी दार्जलिंग" के रूप में भी जाना जाता है। यह बदलाव वाकई उल्लेखनीय है, क्योंकि एक समय था जब यहां का पानी काला हुआ करता था और लोग यहां रहने से कतराते थे। ब्रिटिश शासनकाल में पूर्णिया को कालापानी की सजा के लिए जाना जाता था, लेकिन आज यहां बसने के लिए लोग उत्सुक हैं।
पूर्णिया की विकास गाथा:
यह सच है कि पूर्णिया का अतीत चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन आज यह जिला विकास की एक प्रेरणादायक कहानी लिख रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के कारण पूर्णिया आज एक प्रगतिशील जिले के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। 256 वर्षों के इस गौरवशाली सफर में, पूर्णिया ने न केवल अपनी छवि बदली है, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा दी है।


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