अंबेडकर मार्केट की हालत देख दुकानदारों को लगा रहता है डर, कभी भी घट सकती है अप्रिय घटना।
गरीबी हटाओ अभियान के तहत बनाया गया अंबेडकर मार्केट की हालत देख दुकानदारों को आ रहा डर मगर रोजी रोटी को लेकर विवश दुकानदार कहने से भी डरते नजर आते है। हम आपको पूर्णिया के बस स्टैंड और आर.एन. साव चौक के बीच बने अम्बेडकर मार्केट की स्तिथि दिखलाते है जहां 3 ब्लॉकों में बनाये गए दुकानों की संख्या लगभग 329 बताई जा रही है। परन्तु इन दुकानों की स्तिथि बहुत ही दैनीय है हम इस लिए कह रहे है क्योकि इस मार्केट के तीनों ब्लॉक की बिल्डिंग हिलने लगी है साथ ही इस मार्केट के प्रवेश द्वार जहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग आते जाते है सभी को डर लगा रहता है की कही कोई बड़ी अप्रिय घटना ना घटित हो जाए। वीडियों में आप साफ देख सकते है की अंबेडकर मार्केट की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है रखरखाव के अभाव में दीवारों में दरारें हो रहा है और सीढ़ी टूट रही है सीढ़ियों में से छड़ बाहर निकल रहा है। बतादे तो साल 1997 में बना गरीबी हटाओ अभियान को लेकर फुटपाथी दुकानदारों के लिए शहरी विकास अभिकरण योजना के तहत पूर्णियां के डीएम एस एम राजू ने 3 बीघा में अंबेडकर मार्केट का निर्माण कराया था। उस वक्त हर दुकान को बनवाने में 29 हजार रुपये से ज्यादा की राशि लगी थी। जिसमें कुल 329 दुकाने बनाई गई थी। उस वक्त प्रति प्रति दुकानदारों से ₹250 भाड़ा निर्धारित किया गया था जिसमें 50% दुकान निर्माण में कटाने की बात की गई थी। वही बतादे तो आज के दिनों में अम्बेडर मार्केट का 350 रुपया किराया निर्धारित है परन्तु दुकानदारों से तिगुना भाड़ा वसूला जा रहा है। दुकानदारों ने बताया की हम लोगों से सरकार राजस्व लेती लेकिन इस मार्केट का रखरखाव नहीं हो रहा है जिसके कारण यह जर्जर होता जा रहा है कमजोर होने के कारण नीचे बस गुजरने पर यह हिलता भी है दुकानदारों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है लिहाजा ये सभी दूसरे जगहों जाकर शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। दुकानदारों का कहना है कि हम लोग रोजी रोटी के चलते यहाँ दुकान चलाते हैं लेकिन हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। डेस्क रिपोर्ट पब्लिक व्यू पूर्णिया


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