9वीं की छात्रा ने 234 भाषाओं में हनुमान चालीसा का अनुवाद कर रचा इतिहास।
श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन मकुर सुधारि वरनव रघुवर विमल जसु जो दायक फल चारु।
चम्पारण की बेटी आराध्या सिंह ने महज 14 साल की उम्र में हनुमान चालीसा को 234 भाषाओँ में अनुवाद कर विशेष उपलब्धि हासिल कर ली है। बतादे तो मोतिहारी शहर के बलुआ चौक की रहने वाली आराध्या सिंह ने हनुमान चालीसा का अनुवाद लगभग 234 विभिन्न भाषाओं में कर एक नई मिसाल कायम की है।
आराध्या सिंह की इस अनूठी पहल को समाज के हर वर्ग से सराहना मिल रही है। चंपारण को अपनी बेटी पर गर्व है। यह प्रयास विदेशों में बसे भारतीयों और युवाओं के बीच सनातन धर्म की चेतना को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है ।
आराध्या का कहना है कि इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य देश-विदेश में रहने वाले युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है। उनका लक्ष्य धार्मिक आस्था को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और फेसबुक में व्यस्त रहती है। आराध्या की कोशिश है कि युवा हनुमान चालीसा पढ़ें, समझें और इसका पाठ करें।
इस अनुवाद में मैथिली, भोजपुरी, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, कोरियन, जापानी और लैटिन सहित दुनिया की प्रमुख भाषाएं शामिल हैं। आराध्या ने इस काम में गूगल ट्रांसलेटर और अन्य तकनीकी माध्यमों की भी मदद ली है। उन्होंने हर भाषा के भाव और भावार्थ को समझकर सावधानीपूर्वक काम किया है।
आराध्या की माता रानी देवी ने बताया कि उनकी बेटी ने लगभग 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद यह कार्य पूरा किया है। उन्होंने बताया कि परिवार ने इस पहल में आराध्या का पूरा साथ दिया। यह सिर्फ एक अनुवाद नहीं, बल्कि धर्म और संस्कृति को बचाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। डेस्क रिपोर्ट भारत 0ne हिंदी।


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