महादलित बस्ती में आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बना सड़क, ग्रामीणों में भारी आक्रोश।
सरकार द्वारा आम लोगों को तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं मिले इसको लेकर कई तरह की योजनाएं संचालित किया जा रहा है। सड़क स्वास्थ्य शिक्षा पानी बिजली जैसी सुविधाओं को लेकर कई तरह के कार्य किये जा रहे हैं।
सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। हर गाँव को सड़कों से जोड़ देने की बात कही जाती है। ताकि सरकार के योजना का लाभ हर व्यक्ति तक समुचित रूप से पहुंचाया जा सके। लेकिन आज भी कुछ ऐसे गाँव हैं जहां के लोग दशकों से सड़क की बाट जोह रहे हैं।
दरअसल यह तश्वीर छातापुर प्रखंड के लालगंज वार्ड नं 9 महादलित बस्ती का है।
जहां सैकड़ों की आवादी वाले इस महादलित बस्ती के लोग आज भी पगडंडी के सहारे गाँव से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
गाँव वालों का आरोप है कि जब भी चुनाव आता है नेताजी आते हैं और आश्वाशन देकर वोट लेकर चले जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद फिर नजर नहीं आते। और गाँव की समस्या जस की तस रह जाती है।
गाँव वालों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि बारिश के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है।जब लोग घुटने भर पानी मे करीब एक किलो मीटर तक पगडंडी के सहारे गाँव से बाहर जा पाते हैं। खासकर गाँव मे जब कोई बीमार पड़ता है तो उसे खटिया पर लादकर एक किमी दूर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। कई वार तो मरीज इलाज के अभाव में दम भी तोड़ देता है।
गाँव वालों का आरोप है कि सरकार द्वारा इस महादलित बस्ती की उपेक्षा क्यों की जा रही है यह उन्हें पता नहीं है पर इतना कहना चाहते हैं कि सरकार के कथनी और करनी में काफी अंतर दिख रहा है। करीब सात दशक बीत जाने के बाद भी गाँव मे सड़क नही बन पाने से अब सड़क बनने की आस भी गाँव वालों की अब टूट सी गई है। कहा कि सड़क नहीं बनने के कारण गाँव वालों पर इसका अब प्रतिकूल असर भी पड़ने लगा है। शादी विवाह से लेकर रोजगार के अवसर भी बंद होते जा रहे हैं। गाँव के युवक भटक रहे हैं आवाजाही सुलभ नहीं होने के कारण कोई भी युवक रोजगार नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे समय मे जब भी कोई नेता गाँव आता है तो गाँव वालों की उम्मीद बढ़ जाती है। गाँव वालों की शिकायत पर VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा लालगंज वार्ड 9 महादलित बस्ती पहुंचे जहां लोगों ने उनसे सड़क की समस्या को लेकर चर्चा की। इस मौके पर संजीव मिश्रा ने कहा कि लालगंज वार्ड नं 9 के लोगों की सड़क नहीं रहने के कारण भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लोग कई दशक से सरकार और प्रसाशन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन किसी ने इस दिशा में पहल नहीं किया है। जिससे लोग भारी गुस्सा में है।
संजीव मिश्रा ने सरकार से इस दिशा में अविलंब पहल करने की मांग की है।
गाँव वालों को आज भी आशा है कि कोई तारणहार गाँव मे आएगा जो उसके गांव तक सड़क बनवा देगा। इस उम्मीद से गाँव वाले दिन काटने को मजबूर हैं।


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