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कोसी पेंटिंग शैली की फ्री वर्कशॉप – एक अनूठी कला यात्रा

विषय: कोसी पेंटिंग शैली की फ्री वर्कशॉप – एक अनूठी कला यात्रा

पूर्णिया के पास स्थित Arteteria में बिहार के प्रसिद्ध चित्रकार श्री राजीव राज द्वारा कोसी पेंटिंग शैली पर एक नि:शुल्क वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इस वर्कशॉप का उद्देश्य स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इस दुर्लभ कला को बढ़ावा देना और नए कलाकारों को प्रशिक्षित करना है।
कोसी पेंटिंग उत्तरी बिहार की पारंपरिक कला का एक विशिष्ट रूप है, जो कोसी नदी और उसकी सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है। इस कला के माध्यम से लोकजीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, नदी संरक्षणऔर मिथकीय कहानियों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
श्री राजीव राज, जो इस क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से चित्रकला में सक्रिय हैं और स्विट्जरलैंड, जापान और दुबई सहित विभिन्न देशों में कोसी पेंटिंग को प्रदर्शित कर चुके हैं और इस वर्कशॉप का नेतृत्व भी कर रहे हैं!
ज्ञात हो कि अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार राजीव राज, जो कोसी पेंटिंग शैली के विशेषज्ञ हैं,उनकी कला केवल सौंदर्य नहीं बल्कि सामाजिक संदेश भी देती है। उनका योगदान कई आयामों में देखा जा सकता है:
कोसी पेंटिंग शैली का प्रचार-प्रसार – उन्होंने पिछले कई दशक से इस शैली को वैश्विक मंच पर पहुँचाया और इसे एक विशिष्ट पहचान दिलाई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान – उनकी पेंटिंग्स स्विट्जरलैंड, जापान (टोक्यो) और दुबई सहित कई देशों में प्रदर्शित हो चुकी हैं।
रिकॉर्ड-ब्रेकिंग उपलब्धियाँ – उन्होंने 37.5x37.5 फुट की अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे बड़ी पेंटिंग महज 31 घंटे में बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराया।
विश्व की सबसे बड़ी पज़ल पोर्ट्रेट – इस अद्भुत कला कार्य के माध्यम से उन्होंने 'इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड', 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' और 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज किया।
कला शिक्षा का योगदान – उनकी संस्था "Arteteria" और "M.J. School of Creativity" के माध्यम से उन्होंने पेंटिंग और स्विमिंग की शिक्षा प्रदान करने की पहल की है। यह संस्था 18,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें अत्याधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं।
सिनेमा में योगदान – 2007 में उन्होंने 'अधूरी तस्वीर' नामक फिल्म बनाई, जो एक चित्रकार के संघर्ष पर आधारित थी।
लोक कला "कोसी पेंटिंग शैली" को संरक्षण एवं प्रसार हेतु आयोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला का कल समापन समारोह है!कल इस कार्यशाला में भाग लेने वाले उभरते चित्रकारों द्वारा बनाए गए अद्भुत कोसी पेंटिंग्स की एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल पारंपरिक कोसी कला को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है, बल्कि नवोदित कलाकारों को एक मंच प्रदान करना भी है, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकें। इस कोसी पेंटिंग कार्यशाला में सीखने वाले चित्रकारों में राहुल राज, हरि गोपाल, नुपुर कुमारी, मिता दास दत्ता, संचारी सोम,पूजा गुप्ता, प्रशांत एवं मेघना कर्मकार इत्यादि मौजूद रहे!

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