मिनी दार्जिलिंग कहे जाने वाले पूर्णिया का हवा हुआ जहरीला, जानें क्यों ?
पूर्णिया में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है कभी गर्मी तो कभी ठंड यानी प्रतिकूल मौसम का लोगों को सामना करना पड़ रहा है पूर्णिया कभी मिनी दार्जिलिंग के नाम से जाना जाता था लेकिन अब बदलते वक्त के साथ यहां का तापमान भी उतार-चढ़ाव की ओर अग्रसर है जंगलों से घिरा रहने वाला पूर्णिया अब
मौसम की मार झेल रहा है यहां का तापमान गर्मी के मौसम में 40 डिग्री के पार हो जाता है जबकि ठंड की बात करें तो वर्तमान समय में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में भी लोगों को उतनी ठंड का एहसास नहीं हो रहा है जितना कि इस मौसम में होना चाहिए दिन के वक्त भी लोग गर्मी का एहसास कर रहे हैं ऐसे बदलते मौसम के बीच विकास के नाम पर पैर की कटाई हो रही है।
पूर्णिया में NH 107 को फोरलेन में तब्दील किया जा रहा है रोड के दोनों तरफ 50 साल अधिक पुराने पेड़ को काटकर गिराया जा रहा है लेकिन इस बीच कहीं भी पेड़ लगाने का प्रयास नहीं किया जा रहा । इस सम्बन्ध में पूर्णिया की मेयर विभा कुमारी जी से इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा की उन्हें इस की जानकारी नहीं। बतादे तो मेयर साहिबा अभी जिस सड़क से आयी उसी सड़क किनारे पुरानी पेड़ों को काटा जा रहा था और उन्हें दिखा ही नहीं। वही आने वाले समय में जब यह फोरलेन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा और पूरी तरह यह इलाका पेड़ विहीन हो जाएगा तब यहां के लोगों को अत्यधिक गर्मी झेल्लनी होगी, इस सम्बन्ध में स्थानीय लोगों का कहना है कि पैड़ के रहने से न केवल हमें छाया मिलता है। बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी काम करता है इससे पर्यावरण संतुलित रहता है मानव जीवन के लिए पेड़ अति आवश्यक है वही समाजसेवी भोला शाह ने कहा कि हम सबों को पर्यावरण संतुलित रखने के लिए पेड़ लगाना अवश्य है ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ हवा मिल सके। डेस्क रिपोर्ट पब्लिक व्यू


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